ढलती हुई शाम मुझे कुछ सीखा रही,
आने वाले कल का बता रही ,
न समझ खुद को इतना नादान ऐ परिन्दे ,
क्योकि उस खुदा ने तेरी जन्नत ,
कही ओर बसा रखी |
ये Motivation which comes inner soul उत्साहपूर्ण कविता पढ़ने के लिए आप सभी का 👏👏सधन्यवाद ,ये कविता और शायरी आपको कैसी लगी , आप हमें अपने अनमोल कमेंट, कमेंट बॉक्स में बता सकते है !
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