बेहतर से बेहतर की तलाश में,
खुद को तराश रहा हूं मैं ।
यकीनन मिल ही जाएगा वो,
जिसे एक टक निहार रहा हूं मैं ।
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मेरे तरकस में भी, तीर कई है बाकी, उड़ने दो परिंदों को भी, जिनमें जान अभी है बाकी, होगा सामना जब उनका, हम जैसे शेरों से भी, तो रह...
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